ROE, EPS, और Debt-to-Equity जैसे फाइनेंशियल रेश्यो कंपनी की फाइनेंशियल हेल्थ को समझने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। आइए इन्हें विस्तार से समझें: 1. रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) – Return on Equity फॉर्मूला ROE = शेयरहोल्डर्स इक्विटी (Shareholders’ Equity) नेट इनकम (Net Income) × 100 क्या दर्शाता हैं - ROE कंपनी की प्रॉफिट जनरेट करने की क्षमता को दर्शाता है। यह बताता है कि शेयरहोल्डर्स के निवेश पर कंपनी कितना रिटर्न कमा रही है। - **उच्च ROE** अच्छा माना जाता है, लेकिन बहुत ज्यादा ROE (जैसे 50%+) कर्ज़ (डेट) के ज्यादा इस्तेमाल की वजह से भी हो सकता है। कैसे पढ़ें - **15%+ ROE**: अच्छा माना जाता है (उदा. FMCG, टेक कंपनियाँ)। - **<10% ROE**: कमजोर परफॉरमेंस (जब तक कि यह कैपिटल-इंटेंसिव सेक्टर न हो, जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर)। - **ROE की तुलना** हमेशा उसी इंडस्ट्री की दूसरी कंपनियों से करें। 2. अर्निंग्स पर शेयर (EPS) – Earnings Per Share फॉर्मूला EPS = कुल आउटस्टैंडिंग शेयर्स (O...