सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

TradingView का पूरा गाइड: बेसिक से एडवांस्ड तक

  TradingView दुनिया का सबसे लोकप्रिय चार्टिंग और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है, जिसका उपयोग शेयर मार्केट, फॉरेक्स, क्रिप्टोकरेंसी और कमोडिटी ट्रेडर्स द्वारा किया जाता है। अगर आप टेक्निकल एनालिसिस सीखना चाहते हैं या अपने ट्रेडिंग स्किल्स को इम्प्रूव करना चाहते हैं, तो यह गाइड आपको  बेसिक से लेकर एडवांस्ड  ट्रेडिंगव्यू फीचर्स तक सिखाएगा। 1. TradingView क्या है? TradingView एक वेब-आधारित प्लेटफॉर्म है जो: ✅ रियल-टाइम मार्केट डेटा प्रदान करता है ✅ एडवांस्ड चार्टिंग टूल्स ऑफर करता है ✅ टेक्निकल इंडिकेटर्स और ड्रॉइंग टूल्स सपोर्ट करता है ✅ कस्टम स्क्रिप्टिंग (Pine Script) की सुविधा देता है ✅ ब्रोकर्स के साथ इंटीग्रेशन करके डायरेक्ट ट्रेडिंग की अनुमति देता है 2. TradingView का बेसिक उपयोग (शुरुआत कैसे करें?) स्टेप 1: अकाउंट बनाएं TradingView की वेबसाइट  पर जाएं। "Sign Up"  पर क्लिक करके फ्री अकाउंट बनाएं (प्रीमियम प्लान्स में अधिक फीचर्स मिलते हैं)। स्टेप 2: इंटरफेस को समझें चार्ट एरिया : मध्य भाग, जहां प्राइस मूवमेंट दिखता है। टूलबार : बाईं ओर, जहां ट्रेंडलाइन्स, शेप्स और अ...
हाल की पोस्ट

Zerodha vs Groww vs Upstox: कौन सा ब्रोकर है बेस्ट?

  भारत में ऑनलाइन ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग का चलन तेजी से बढ़ रहा है, और   Zerodha, Groww   और   Upstox   जैसे डिस्काउंट ब्रोकर्स इस मार्केट में सबसे आगे हैं। लेकिन सवाल यह है कि आपके लिए कौन सा प्लेटफॉर्म सही है? इस ब्लॉग पोस्ट में, हम इन तीनों ब्रोकर्स की  फीस, फीचर्स, यूजर एक्सपीरियंस, और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं  की तुलना करेंगे, ताकि आप सही निर्णय ले सकें। 1. ब्रोकरेज और शुल्क (Fees & Charges) Zerodha इक्विटी डिलीवरी:  ₹0 (फ्री) इंट्राडे/फ्यूचर्स/ऑप्शंस:  ₹20 प्रति ऑर्डर या 0.03% (जो भी कम हो) डीमैट अकाउंट शुल्क:  ₹300 प्रति वर्ष (AMC) Groww इक्विटी डिलीवरी:  ₹0 (फ्री) इंट्राडे/फ्यूचर्स/ऑप्शंस:  ₹20 प्रति ऑर्डर डीमैट अकाउंट शुल्क:  फिलहाल ₹0 (कोई AMC नहीं) Upstox इक्विटी डिलीवरी:  ₹0 (फ्री) इंट्राडे/फ्यूचर्स/ऑप्शंस:  ₹20 प्रति ऑर्डर या 0.05% (जो भी कम हो) डीमैट अकाउंट शुल्क:  फिलहाल ₹0 (कोई AMC नहीं) विजेता: डिलीवरी ट्रेडिंग:  सभी फ्री। F&O/इंट्राडे:  Zerodha और Upstox बेहतर। AMC:  G...

Multibagger Stocks कैसे पहचानें?

  मल्टीबैगर स्टॉक्स वे शेयर होते हैं जो लंबी अवधि में  5x, 10x या उससे भी ज्यादा  रिटर्न देते हैं। इन्हें पहचानने के लिए निम्नलिखित फैक्टर्स पर ध्यान देना चाहिए: 1. मजबूत बिजनेस मॉडल (Strong Business Model) कंपनी का बिजनेस सस्टेनेबल और स्केलेबल होना चाहिए। उसका प्रोडक्ट/सर्विस की मार्केट में लंबे समय तक डिमांड बनी रहनी चाहिए। उदाहरण:  FMCG, फार्मा, टेक और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में अच्छे मल्टीबैगर मिलते हैं। 2. मैनेजमेंट की क्वालिटी (Quality of Management) प्रमोटर्स और मैनेजमेंट टीम ईमानदार और अनुभवी होनी चाहिए। उनका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा होना चाहिए (कर्ज कम हो, शेयरहोल्डर्स के साथ धोखाधड़ी न हो)। 3. ग्रोथ पोटेंशियल (Growth Potential) कंपनी का  रेवेन्यू और प्रॉफिट  लगातार बढ़ रहा हो। नए मार्केट, प्रोडक्ट्स या एक्सपोर्ट में एक्सपेंशन हो। उदाहरण:  छोटी-मध्यम कंपनियाँ (Small & Mid Caps) जो बड़ी हो रही हों। 4. कम डेट (Low Debt) कंपनी पर ज्यादा कर्ज नहीं होना चाहिए ( Debt-to-Equity Ratio <1  अच्छा माना जाता है)। कैश फ्लो पॉजिटिव होना चाहिए। 5. अंड...

Value Investing vs Growth Investing: क्या फर्क है?

वैल्यू इन्वेस्टिंग और ग्रोथ इन्वेस्टिंग दोनों ही स्टॉक मार्केट में निवेश के प्रमुख तरीके हैं, लेकिन इनके दृष्टिकोण और रणनीतियों में बड़ा अंतर होता है।   1. वैल्यू इन्वेस्टिंग (Value Investing) लक्ष्य: कम कीमत पर अंडरवैल्यूड (Undervalued) स्टॉक्स खरीदना।   फो कस   कंपनी की वर्तमान कीमत (Price) और उसके आंतरिक मूल्य (Intrinsic Value) के बीच का अंतर।   मापदंड :   - P/E (Price-to-Earnings) Ratio** कम होना।     - P/B (Price-to-Book) Ratio** कम होना।     - High Dividend Yield.**     - मजबूत बैलेंस शीट और कम कर्ज।   उदाहरण Warren Buffett की रणनीति (जैसे Coca-Cola, American Express में निवेश)।   फायदे   - कम जोखिम (Risk कम होता है क्योंकि स्टॉक पहले से ही सस्ता होता है)।     - लंबी अवधि में स्थिर रिटर्न।   नुकसान :   - मार्केट में ग्रोथ स्टॉक्स के मुकाबले कम रिटर्न मिल सकता है।     - कभी-कभी स्टॉक लंबे समय तक अंडरवैल्यूड रह सकता है। ...